काशी में जलती चिताओं के बीच खेली होली, महाश्मशान घाट पर गुलाल संग उड़ी चिता भस्म – HOLI 2025

काशी में जलती चिताओं के बीच खेली होली, महाश्मशान घाट पर गुलाल संग उड़ी चिता भस्म – HOLI 2025
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा भोलेनाथ के अदृश्य रूप के साथ भक्तों ने खेली होली

महाश्मशान घाट पर गुलाल संग उड़ी चिता भस्म

वाराणसी: मोक्ष की नगरी काशी में त्योहार भी अद्भुत रूप में मनाया जाते हैं. होली तो बेहद उल्लास के साथ मनाया जाता है. रंगभरी एकादशी से काशी में होली का हुड़दंग शुरू हो गया है.

परंपरा के अनुरूप रंग भरी एकादशी के अगले दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा भोलेनाथ के अदृश्य रूप के साथ भक्तों ने जमकर होली खेली. यह होली अपने पूरे विश्व में चर्चित है. क्योंकि यहां चिता भस्म से होली खेली जाती है. जलची चिताओं के बीच दुख वैराग्य और शोक में डूबे लोगों के बीच लोगों ने जमकर अबीर-गुलाल और चिता की भस्म से होली खेली. सैकड़ो डमरू की आवाज के बीच हर किसी ने यहां जमकर होली का त्यौहार मनाया. इस होली का अद्भुत रूप देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते.

परंपरा है कि रंगभरी एकादशी के अगले दिन बाबा भोलेनाथ महाश्मशान पर अपने भूत पिशाचगणों के साथ होली खेलने के लिए अदृश्य रूप में पहुंचते हैं. यही वजह है कि महा श्मशाननाथ मंदिर में हर साल पूजा पाठ के साथ साधु, संत और स्थानीय लोग चिता भस्म की होली का आयोजन करते हैं. इस बार भी यह होली आयोजित की गई थी. हालांकि महाश्मशान पर होने वाली भीड़ और नई पीढ़ी के कुछ गलत आदतों की वजह से इस होली का लगातार विरोध भी हो रहा था. फिर भी पुलिस के कड़े पहरे के बीच या होली शांतिपूर्ण तरीके से पूर्ण कराई गई. जलती चिताओं के बीच चिता भस्म उड़ते हुए रंग अबीर गुलाल के साथ होली का हुड़दंग पूरा 1 घंटे तक चला. इस आयोजन में काशी की अद्भुत संस्कृति और सभ्यता के साथ काशी की पुरातन परंपरा के भी दर्शन हुए.

मणिकर्णिका घाट चिता भस्म होली के आयोजक गुलशन कपूर और विजय पांडेय का कहना है की होली अपने आप में रंगों का त्यौहार है. सभी लोग अपने दुखों को भूलकर इस दिन एक दूसरे से गले मिलते हैं, कोई भी एक दूसरे का दुश्मन नहीं होता है. काशी में इस अद्भुत परंपरा का निर्वहन किया गया. कहा जाता है कि आज भोलेनाथ खुद शमशान पर होली खेलने के लिए पहुंचते हैं. यही वजह है कि हम सब यहां पर होली का हुड़दंग भोलेनाथ के साथ मचाया और जमकर होली खेली है. कई कुंतल अबीर गुलाल के साथ लाखों की भीड़ के बीच जमकर होली का त्यौहार मनाया गया. बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों ने भी इस अद्भुत होली का आनंद लिया.

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