एक दूसरे के रंगों से होली खेलेंगे बाबा विश्वनाथ और लड्डू गोपाल, भक्तिमय मिलन का अद्भुत उत्सव
Varanasi Hindi News: सनातन परंपराओं के सम्मान में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा ने एक अनूठी पहल की है. इससे काशी और मथुरा के भक्तों के बीच आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ेगा और सनातन संस्कृति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
Varanasi Hindi News: देश में सनातन परंपराओं का सम्मान और आध्यात्मिक समन्वय लगातार बढ़ रहा है. इसी क्रम में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के साथ एक अभिनव पहल की शुरुआत की है. इस पहल के अंतर्गत रंगभरी एकादशी से पहले, होली पर्व के शुभ अवसर पर, श्री काशी विश्वनाथ धाम से भगवान विश्वनाथ द्वारा श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा में विराजमान लड्डू गोपाल को भेंट भेजी गई. इसके साथ ही, श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से भगवान लड्डू गोपाल द्वारा भी श्री काशी विश्वनाथ जी के लिए भेंट सामग्री भेजी गई.
आध्यात्मिक समन्वय
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अधिकारी विश्व भूषण ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा से चर्चा कर इस पहल को मूर्त रूप दिया. विधिपूर्वक पूजन-अर्चन के बाद दोनों तीर्थस्थलों के लिए भेंट भेजी गई.
Varanasi Hindi News: देश में सनातन परंपराओं का सम्मान और आध्यात्मिक समन्वय लगातार बढ़ रहा है. इसी क्रम में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के साथ एक अभिनव पहल की शुरुआत की है. इस पहल के अंतर्गत रंगभरी एकादशी से पहले, होली पर्व के शुभ अवसर पर, श्री काशी विश्वनाथ धाम से भगवान विश्वनाथ द्वारा श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा में विराजमान लड्डू गोपाल को भेंट भेजी गई. इसके साथ ही, श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से भगवान लड्डू गोपाल द्वारा भी श्री काशी विश्वनाथ जी के लिए भेंट सामग्री भेजी गई.
आध्यात्मिक समन्वय
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अधिकारी विश्व भूषण ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा से चर्चा कर इस पहल को मूर्त रूप दिया. विधिपूर्वक पूजन-अर्चन के बाद दोनों तीर्थस्थलों के लिए भेंट भेजी गई.
रविवार को भव्य अनावरण
9 मार्च को प्रातः 6:30 बजे काशी विश्वनाथ धाम में मथुरा से प्राप्त उपहार अर्पित किए जाएंगे, वहीं मथुरा में 9:00 बजे काशी से भेजे गए उपहार श्री लड्डू गोपाल को समर्पित होंगे. प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा और मथुरा से आए रंग-गुलाल बाबा विश्वनाथ को अर्पित किए जाएंगे.