खरमास के चढ़ते ही सोमवार को शहनाई की आवाज थम जाएगी फिर जनवरी 2025 में बजेगी

बलिया : खरमास के चढ़ते ही सोमवार को शहनाई की आवाज थम जाएगी। इस दौरान भगवान सूर्य वृषक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में एक महीने तक मांगलिक कार्य पर पूर्णतः विराम लग जाएगा। हालांकि धार्मिक अनुष्ठान चलेंगे। ग्रहों के राजा भगवान सूर्य की राशि परिवर्तन के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। 16 दिसंबर को वृषक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे।इसके साथ ही मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा। धार्मिक कार्य चलते रहेंगे।

भजन-कीर्तन और भगवान विष्णु की आराधना का इस दौरान विशेष महत्व है। भगवान सूर्य वृषक राशि से 15 दिसंबर को रात 10:11 पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे, और 14 जनवरी 2025 को सुबह 8:55 तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को सूर्य का गोचर मकर राशि में होगा। सूर्य के धनु राशि मे प्रवेश के साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। इस दौरान बुध ग्रह के स्थान पर अधिक जोर दिया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार बुद्ध देव बुद्धि, त्वचा, व्यापार व धन के ग्रह है। मंगल ग्रह भी 18 दिसंबर तक बक्री अवस्था में ही रहेंगे। बुध की बक्री चाल कुछ राशियों के भाग्य में वृद्धि कर सकती है। जब सूर्य का गोचर बस धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमशः धनुष संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग एक महीने तक रहते हैं। खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, कथा, व्रत वर्जित रहेंगे। खरमास के महीने में कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे।नया घर या फ्लैट खरीदना चाहे तो खरीद सकते हैं। लेकिन उसमें गृह प्रवेश नहीं होगा।

उपनयन संस्कार, किसी नए व्रत की पूजा अनुष्ठान की शुरुआत भी नहीं होगा। किसी नए काम की शुरुआत जैसे दुकान की ओपनिंग खरमास भर टाल देना चाहिए। रिंग सेरेमनी जैसे शुभ कार्य से खरमास में बचना चाहिए।सन् 2025 में 14 जनवरी को खरमास खत्म होगा। 16 जनवरी से विवाह सहित अन्य सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। पंचांग के अनुसार जनवरी में 10 दिन, फरवरी में 14 दिन, मार्च में 5 दिन, अप्रैल में 9 दिन, मई में 15 दिन और जून में 5 दिन विवाह के मुहूर्त है। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में विवाह के मुहूर्त नहीं है।

4 माह के लिए भगवान विष्णु सयन के लिए चले जाते हैं। नवंबर में 13 दिन, दिसंबर में 3 दिन के लिए शुभ मुहूर्त है। नए साल में कुल 74 दिन शहनाइयां बजेंगे। यज्ञोपवित के लिए शुभ मुहूर्त फरवरी 2025 में आरंभ होकर तीन और सात फरवरी मार्च में नौ और दस मार्च, अप्रैल में सात आठ अप्रैल मई में दो सात आठ अप्रैल, जून में पांच और छः जून के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा मुंडन के लिए 31 जनवरी, 6 मार्च, 10 मार्च, 17 अप्रैल, 30 अप्रैल, 8 मई, 9 मई, 28 मई, 5 जून, 6 जून, 26 जून, 27 जून, 2 जुलाई और 4 जुलाई को शुभ मुहूर्त है।

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