महाकुंभ से अखाड़े होने लगे विदा, निरंजनी अखाड़ा काशी की तरफ हुआ रवाना

महाकुंभ से अखाड़े होने लगे विदा, निरंजनी अखाड़ा काशी की तरफ हुआ रवाना – MAHA KUMBH MELA 2025
उदासीन अखाड़े और वैष्णव अखाड़े भी शिविरों को छोड़कर कुंभ मेला से करेंगे प्रस्थान.
निरंजनी अखाड़े महाकुंभ से जाते हुए
निरंजनी अखाड़ा महाकुंभ से जाते हुए
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में जहां धर्मध्वजा की स्थापना के साथ ही अखाड़ों ने कुंभ मेला छावनी में प्रवेश किया था. वहीं, शुक्रवार को उसी धर्म ध्वजा की तनी रस्सियों को ढीलाकर अखाड़े के महा मंडलेश्वर संत महंत और नागा सन्यासी कुंभ मेला शिविर से विदा हो गए. निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरि ने इष्टदेव की पूजा करने बाद चार दिशाओं में दो-दो महंतों के साथ मिलकर धर्म ध्वजा की चारों दिशाओं की तनियों को गांठों को ढीला किया. इसके बाद पूजा पाठ करके देवताओं का प्रतीक भाला लेकर अखाड़े के शिविर से निकल गए. इसी तरह से उदासीन अखाड़े और वैष्णव अखाड़े भी शिविरों को छोड़कर कुंभ मेला से प्रस्थान करेंगे.

महाकुंभ की शुरुआत से पहले सभी अखाड़े राजसी अंदाज में शोभायात्रा पेशवाई निकालते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश किया था. अब उन्हीं अखाड़े के साधु संत धर्म ध्वजा को ढीला करके इष्टदेव को लेकर मेला छावनी से दारागंज स्थित अखाड़े के कार्यालय में पहुंच गए, जहां पर अखाड़े के इष्टदेव को ले जाकर मंदिर में स्थापित कर दिया गया.

अखाड़े काशी में खेलेंगे होली: महाकुंभ नगर से वापस जाने से पहले से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी ने बताया, अखाड़ों का कुंभ पर्व पूरा हो गया है और अब अखाड़े काशी की तरफ रवाना हो गए हैं. अखाड़े त्रिवेणी संगम के किनारे चल रहे महाकुंभ के पर्व का स्नान कर चुके हैं. मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी का अमृत करने के साथ ही अखाड़ों के कुंभ स्नान की परंपरा पूरी हो गयी और अब धीरे-धीरे सारे अखाड़े अपना अपना शिविर छोड़कर मेला क्षेत्र से चले जायेंगे. शुक्रवार को सन्यासियों के सातों अखाड़े में नागाओं से लेकर महामंडलेश्वर तक अपना सामान पैक कर गंगा मैया को प्रणाम कर कुंभ नगरी से विदाई ले रहे हैं.

आयोजन की सराहना : महाकुंभ मेला के आयोजन को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज का कुंभ बेहद दिव्य और भव्य आयोजन किया गया है. इस कुंभ मेला में 40 करोड़ से अधिक जनता आएगी, जो दिखा रही है कि देश में सनातन धर्म को मानने वाले लोग कितनी बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में आकर स्नान कर रहे हैं. अमृत स्नान बीतने के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालू भक्त स्नान करने आ रहे हैं.

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